द लोकतंत्र/ लखनऊ : बुधवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार केवल किसानों की जमीन और फसलों की लूट कर रही है और डिजिटल कृषि नीति सिर्फ दिखावे के लिए है। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि नौ साल पहले डिजिटल प्लेटफार्म क्यों नहीं बनाया गया, और अब अचानक किसानों को मौसम की जानकारी देने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना था, इनका खुद का मौसम खराब है, सरकार जाने वाली है।
सपा प्रमुख ने त्योहारों के समय अराजकता पर योगी के बयान को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि सरकार इमोशन और डायलॉग से शासन चलाना चाहती है। उनका तंज था कि योगी की फिल्म फ्लॉप हो गई, उसी तरह उनकी डायलॉग-राजनीति भी जनता पर असर नहीं कर रही।
बड़े बिजनेस घरानों को लैंड बैंक बनाने की खुली छूट
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने बड़े बिजनेस घरानों को लैंड बैंक बनाने की खुली छूट दी, जबकि किसानों को खाद नहीं, लाठियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री को यह भी नहीं पता कि खाद कहां से आती है। नदी पुनर्जीवन योजना पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार नदी नहीं, बजट साफ करना चाहती है।
कानून व्यवस्था पर भी सपा प्रमुख ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, जीरो टालरेंस की बात करने वाले बताएं कि कानपुर में अखिलेश दुबे के मामले में बुलडोजर क्यों नहीं चला? कई फर्जी एनकाउंटर हो चुके हैं और जनता को पुलिस से डराया जा रहा है।
मुफ्त सिलिंडर का वादा झूठा
अखिलेश यादव ने स्वदेशी नीति और चीन पर टैरिफ न लगाने पर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल मुंह से स्वदेशी और मन से विदेशी है। मुफ्त सिलिंडर के वादे को भी उन्होंने झूठा करार दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर सवाल करते हुए अखिलेश ने कहा कि संघ को इसे शताब्दी वर्ष नहीं बल्कि समाप्ति वर्ष के रूप में मनाना चाहिए।
सपा प्रमुख ने सैंथवार और मल्ल समाज के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा कि यदि सपा की सरकार बने तो गोरखपुर और गोमती रिवरफ्रंट पर सैंथवार समाज के नेता केदारनाथ सिंह सैंथवार की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
सोने की कीमत और महंगाई पर तंज
अखिलेश यादव ने दीपावली के अवसर पर सोने की कीमतों को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले सोना 90 हजार रुपये पर था, अब यह 1.30 लाख तक पहुंच गया है और दीपावली तक डेढ़ लाख रुपये तक जाने का अनुमान है। उनका कहना था, सोचिए गरीब अपनी बेटियों की शादी में गहने कैसे दे पाएंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अखिलेश यादव की यह आलोचना योगी सरकार के खिलाफ चुनावी माहौल बनाने की रणनीति का हिस्सा है। किसानों की समस्याओं, कानून व्यवस्था और महंगाई के मुद्दों को उठाकर सपा यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि योगी सरकार किसानों और आम जनता के हित में काम नहीं कर रही।

