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दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं, संसद को इससे जुड़ा कोई भी कानून बनाने का अधिकार : अमित शाह

Amit Shah

द लोकतंत्र : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक’ पर लोकसभा में विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल को संसद में लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है। संविधान के तहत संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है।

दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश

उन्होंने कहा कि दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश है। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 239 (ए) (ए) में इसके लिए एक विशेष प्रावधान है। संविधान के अनुच्छेद 239 (ए) (ए) के तहत इस संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र या इससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आम आदमी पार्टी को जमकर फटकारा। अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने बेजा इस मुद्दे पर विरोध करने का प्रयास किया है। इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करके बिलकुल भी नहीं लाया गया है। अमित शाह ने कहा कि, मैं उन सदस्यों से कहना चाहता हूँ कि कोर्ट के फैसले के मनपसंद हिस्से की बजाए पूरा संदर्भ दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पैरा 86, पैरा 95 और पैरा 164 (एफ) में स्पष्ट किया गया है कि अनुच्छेद 239 (ए) (ए) में संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के विषय पर कानून बनाने का अधिकार है।

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अमित शाह ने अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कहा, साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं…समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है।

अमित शाह ने कहा कि मेरा सभी पक्ष से निवेदन है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए। नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं। विधेयक और कानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए।

Team The Loktantra

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