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Maharashtra : छलक उठा शरद पवार का दर्द, बोले – NCP छीन ली और…

Maharashtra: Sharad Pawar's pain came out, he said - NCP snatched it and...

द लोकतंत्र : Maharashtra शरद पवार की पार्टी एनसीपी अब शरद की नहीं रही। चाचा की बनायी पार्टी को भतीजे अजित ने कब्जा लिया। अब शरद पवार का एनसीपी को लेकर दर्द छलक उठा। शरद पवार ने चुनाव आयोग के रवैये को आश्चर्यजनक बताया। बता दें, करीब 24 साल पहले  शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी। 

Maharashtra – शरद पवार ने कहा, संस्थापकों के हाथ से पार्टी छीनी

शरद पवार ने रविवार को कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को NCP का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने का चुनाव आयोग का निर्णय ‘आश्चर्यजनक’ था। उन्होंने कहा कि, चुनाव आयोग ने पार्टी को उन लोगों के हाथों से ‘छीन’ लिया है जिन्होंने इसकी स्थापना की। पार्टी की बागडोर दूसरों को दे दिया।

शरद पवार ने आगे कहा कि आम लोगों के लिए किसी पार्टी का कार्यक्रम और विचारधारा ही अहम होती है। चुनाव चिन्ह तो सीमित समय के लिए ही उपयोगी रहता है। उन्होंने कहा कि जनता चुनाव आयोग के फैसले को न तो स्वीकार करेगी और न ही उसका समर्थन करेगी।

अजित की बग़ावत और एनसीपी पर दावा

अजित पवार दरअसल शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं। अनंतराव पवार के बारे में कहा जाता है कि इनकी मेहनत की बदौलत ही शरद पवार बेहद कम उम्र में विधायक बन सके। अजित करीब चार दशक से महाराष्टर की राजनीति में एक्टिव हैं। 1982 में, पुणे में एक सहकारी शुगर फैक्ट्री के बोर्ड में चुने जाने के बाद अजित पवार सक्रिय राजनीति में उतरे। इसके बाद 1991 में वह पहली बार महाराष्ट्र के बारामती निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए।

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जुलाई 2023 में अजित पवार ने एनसीपी से बगावत कर दी। बग़ावत के बाद एनसीपी पर अधिकार को लेकर चाचा-भतीजे आमने-सामने आ गए। अजित पवार गुट ने जहां चुनाव आयोग का रुख किया। वहीं, शरद पवार खेमे ने भी चुनाव आयोग में अपनी बात रखी। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों के दस्तावेज जांचें और दलीलें सुनीं और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा।

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Team The Loktantra

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