द लोकतंत्र: हिंदू धर्म में नवरात्रि का समय अत्यंत शुभ और पावन माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में सच्चे मन से मां की आराधना करने पर हर प्रकार की बाधा दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रही है। 28 सितंबर 2025 को नवरात्रि का सातवां दिन होगा। सामान्यतः सप्तमी तिथि पर मां कालरात्रि की पूजा की जाती है, लेकिन इस बार तिथि गणना के अनुसार सप्तमी व्रत 28 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की विशेष पूजा का महत्व रहेगा।
विवाह में बाधाएं दूर करने का विशेष उपाय
मां कात्यायनी को विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करने वाली देवी माना जाता है। पुराणों और मान्यताओं के अनुसार, अविवाहित युवाओं और कन्याओं को शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी की साधना करनी चाहिए।
28 सितंबर को किए जाने वाले उपाय इस प्रकार हैं
- प्रातः स्नान के बाद साफ-सुथरे पीले या लाल वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर या पूजा स्थल पर मां कात्यायनी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- उन्हें पीले फूल, पीली चूड़ियां, हल्दी और केसर अर्पित करें।
- शुद्ध घी का दीपक जलाकर मां की आरती करें।
- विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए यह मंत्र कम से कम 108 बार जपें:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः। - पूजा के बाद छोटी कन्याओं को खीर या हलवा खिलाएं और उन्हें उपहार दें।
- मां दुर्गा को सात लाल या पीले फूल चढ़ाएं। पीले कपड़े में सिंदूर और सुपारी बांधकर देवी को अर्पित करना भी शुभ माना जाता है।
मान्यता
ऐसा विश्वास है कि नवरात्रि के इस दिन मां कात्यायनी की विशेष पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। अविवाहित युवक और युवतियों के लिए यह उपाय विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। मां की कृपा से न केवल विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि गृहस्थ जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है।
नवरात्रि का सातवां दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ मां कात्यायनी की भक्ति में बिताने से हर तरह की अड़चनें दूर होकर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

