द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में काराकाट सीट पर अब मुकाबला और रोमांचक हो गया है। भोजपुरी सिनेमा से जुड़ीं और चर्चित हस्ती ज्योति सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। सोमवार (20 अक्टूबर) को नामांकन के अंतिम दिन उन्होंने पर्चा दाखिल किया। दिलचस्प बात यह है कि ज्योति सिंह के हलफनामे में कहीं भी उनके पति और भोजपुरी स्टार पवन सिंह का उल्लेख नहीं है, जिस पर अब सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
नामांकन के बाद समर्थकों का जबरदस्त उत्साह
नामांकन कक्ष से बाहर निकलते ही ज्योति सिंह का समर्थकों ने फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया। उनके समर्थन में नारे लगाए गए और माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंग गया। बिक्रमगंज स्थित निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय में पूरे दिन नामांकन को लेकर गहमागहमी बनी रही। बड़ी संख्या में उनके समर्थक और कार्यकर्ता मौजूद थे।
त्रिकोणीय मुकाबले के आसार, बढ़ी दिलचस्पी
ज्योति सिंह के मैदान में आने से काराकाट विधानसभा क्षेत्र का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गया है। अब यहां त्रिकोणीय संघर्ष के आसार हैं। उनका मुकाबला भाकपा (माले) के अरुण सिंह और जदयू के पूर्व सांसद महाबली सिंह से होने जा रहा है। वहीं जन सुराज के योगेन्द्र सिंह के मैदान में उतरने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ज्योति सिंह को भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान और पवन सिंह के प्रशंसकों के व्यापक समर्थन का फायदा मिल सकता है। यह कारक चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
जनता का आशीर्वाद ही सबसे बड़ी ताकत: ज्योति सिंह
नामांकन से पहले ज्योति सिंह ने तेंदुनी चौक स्थित काली मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर समर्थकों के काफिले के साथ नामांकन स्थल पहुंचीं। दोपहर करीब दो बजे उन्होंने अपना पर्चा दाखिल किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, काराकाट की देवतुल्य जनता के स्नेह और आशीर्वाद से मैंने नामांकन दाखिल किया है। यह कदम जनता की उम्मीदों और विश्वास की आवाज़ है। जनता का सहयोग ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है, और इसी ताकत के साथ काराकाट में नए परिवर्तन की शुरुआत होगी।
राजनीति में नया अध्याय, चर्चा तेज
ज्योति सिंह के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में आने से काराकाट की राजनीति में नया अध्याय जुड़ गया है। जहां एक ओर विरोधी दल इसे वोटों के बिखराव का कारण बता रहे हैं, वहीं समर्थक इसे “जनता की जीत” करार दे रहे हैं। ज्योति सिंह के नामांकन ने यह साफ कर दिया है कि काराकाट विधानसभा का यह चुनाव अब न सिर्फ दलों के बीच, बल्कि लोकप्रियता बनाम परंपरागत राजनीति की लड़ाई में बदल चुका है।

