द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को रोहतास जिले में बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) को जेडीयू के प्रदेश सचिव और जिला बीस सूत्री समिति के सदस्य बद्री भगत ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि बद्री भगत की नाराजगी की मुख्य वजह करगहर विधानसभा सीट से टिकट न मिलना है।
बद्री भगत की नाराजगी, बोले – करगहर सीट से टिकट देने का था आश्वासन
जानकारी के अनुसार, करीब तीन हजार कार्यकर्ताओं ने बद्री भगत के साथ जेडीयू से इस्तीफा दिया है। भगत ने बताया कि 3 अक्टूबर को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में करगहर सीट से टिकट देने का आश्वासन दिया था। लेकिन 11 दिनों के भीतर ही, मुख्यमंत्री के करीबी कुछ नेताओं ने उनका टिकट कटवा दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
संगठन को कमजोर करने के हो रहे प्रयास
बद्री भगत ने जेडीयू के अंदर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं जो जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर संगठन को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सालों तक गांव-गांव जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों और योजनाओं का प्रचार किया, लेकिन मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इससे पहले भी पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह, पूर्व विधायक अशोक सिंह कुशवाहा और जिलाध्यक्ष अजय सिंह कुशवाहा जेडीयू से इस्तीफा दे चुके हैं। लगातार नेताओं और कार्यकर्ताओं के इस्तीफों से रोहतास जिले की राजनीतिक स्थिति में हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि चुनाव से ठीक पहले यह घटनाक्रम एनडीए गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि 2020 विधानसभा चुनाव में रोहतास की सभी सीटें हार चुकी जेडीयू के सामने इस बार आंतरिक असंतोष और संगठनात्मक कमजोरी सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। अब देखना यह होगा कि बिहार चुनाव 2025 में नीतीश कुमार इस नुकसान की भरपाई कैसे करते हैं और एनडीए इस झटके को कितनी जल्दी संभाल पाता है।

