द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव (2025) जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, सियासी बयानबाज़ी भी तेज होती जा रही है। सिवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लालू यादव और शहाबुद्दीन के दौर को याद दिलाते हुए कहा कि बिहार अब ‘जंगलराज’ के दिनों में कभी वापस नहीं जाएगा। शाह ने सिवान की जनता से अपील करते हुए कहा कि अब समय विकास का है, डर का नहीं।
सौ शहाबुद्दीन भी आ जाएं तो…
अमित शाह ने कहा, 20 साल तक लालू-राबड़ी के जंगलराज में सिवान ने शहाबुद्दीन का आतंक, हत्याएं और अत्याचार झेले। सिवान की धरती खून से लथपथ हो गई थी, लेकिन इस मिट्टी ने झुकना नहीं सीखा। अब मोदी और नीतीश कुमार के राज में सौ शहाबुद्दीन भी आ जाएं, तो किसी का बाल भी बांका नहीं कर सकते।
गृह मंत्री ने कहा कि शहाबुद्दीन के बेटे को लालू यादव ने टिकट देना, इस बात का सबूत है कि राजद आज भी उसी “खून और खौफ की राजनीति” को जिंदा रखना चाहता है। उन्होंने कहा, अब बिहार में मोदी जी और नीतीश कुमार जी का राज है। जंगलराज का अंत नीतीश जी की देन है, और हम उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं।
14 नवंबर को असली दिवाली मनाई जाएगी
अमित शाह ने लालू यादव पर घोटालों की लंबी फेहरिस्त गिनाते हुए कहा, आपने चारा घोटाला, लैंड फॉर जॉब, रेलवे होटल घोटाला और बीपीएससी भर्ती घोटाले किए। विकास का नाम तक नहीं लिया। 14 नवंबर को असली दिवाली मनाई जाएगी, जब सिवान की जनता ‘ओसाम’ और उसकी विचारधारा को हार का स्वाद चखाएगी।
घुसपैठ के मुद्दे पर भी अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को घेरा। उन्होंने कहा, राहुल बाबा कहते हैं, घुसपैठियों को बिहार में रहने दो। लेकिन सिवान की जनता बताइए, क्या घुसपैठियों को यहां रहना चाहिए? फिर से NDA की सरकार बनाइए, हम एक-एक घुसपैठिए को चुन-चुनकर देश से बाहर निकाल देंगे। अमित शाह के इस बयान से बिहार की सियासत में नई हलचल मच गई है। उन्होंने साफ संकेत दिया कि बीजेपी जंगलराज, भ्रष्टाचार और घुसपैठ इन तीन मुद्दों पर चुनावी जंग लड़ेगी।

