द लोकतंत्र: सावन का महीना अपने आप में पवित्रता, भक्ति और आस्था का महीना माना जाता है। इस माह में शिवजी और विष्णु जी दोनों की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है। ऐसे में सावन की पहली एकादशी, कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का व्रत और भी खास हो जाता है, खासकर जब यह दिन सावन के दूसरे सोमवार के साथ एक ही तिथि पर पड़ जाए।
इस वर्ष 2025 में कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई, सोमवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और शिवजी दोनों की पूजा का महत्व है। जब दोनों देवताओं की पूजा एक ही दिन होती है, तो इसे हरिहर योग (Harihar Yog) कहा जाता है। यह योग भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पुण्यदायक माना जाता है।
कामिका एकादशी का महत्व:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कामिका एकादशी का व्रत रखने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि, संतुलन और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी विशेष रूप से उन भक्तों के लिए शुभ मानी जाती है जो मनोकामनाओं की पूर्ति चाहते हैं।
इस दिन विशेष स्थानों पर दीपक जलाना बहुत पुण्यकारी माना गया है। आइए जानते हैं वे 5 पवित्र स्थान जहाँ कामिका एकादशी के दिन दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है।
कामिका एकादशी पर 5 स्थान जहाँ जलाएं दीपक:
तुलसी के पास:
भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी के समीप घी का दीपक जलाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
मुख्य द्वार पर:
मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
पूजाघर या मंदिर में:
भगवान विष्णु या शिव मंदिर में दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। घर के पूजाघर में भी यह अवश्य करें।
बेल वृक्ष के नीचे:
शिवजी की आराधना के लिए बेलपत्र और बेल वृक्ष का अत्यंत महत्व है। इस दिन बेल वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से शिव कृपा मिलती है।
पीपल वृक्ष के पास:
पीपल वृक्ष में त्रिदेवों का वास माना जाता है। यहाँ दीप जलाने से पितृ और देवताओं दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और सामाजिक परंपराओं पर आधारित है। इसे वैज्ञानिक पुष्टि का विकल्प न मानें।