Politics

INDI Alliance : पंजाब में भी नहीं बनी बात, अलग अलग चुनाव लड़ेंगे AAP और कांग्रेस

INDI Alliance: There is no agreement even in Punjab, AAP and Congress will contest elections separately

द लोकतंत्र : अभी कुछ दिन पूर्व तक एकजुटता के दावे करते न थकने वाली इंडी अलायंस (INDI Alliance) अब पूरी तरह बिखर चुकी है। सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की किसी भी दल से बात नहीं बन पा रही है। जिसको लेकर सहयोगी दल अब अपना अलग रास्ता चुन रहे हैं। तकनीकी तौर पर इंडी अलायंस अब अपने आख़िरी दिन गिन रही है। एकजुट होकर भाजपा से लड़ने की सारी योजनाएँ हवा हो चुकी हैं।

INDI Alliance में सीट शेयरिंग को लेकर मतभेद

ताजा मामला पंजाब का है। सीट शेयरिंग को लेकर उपजे मतभेद से कांग्रेस और आप दोनों पार्टियाँ अलग अलग चुनाव लड़ेंगी। आम आदमी पार्टी (AAP) ने शनिवार (10 फरवरी) को पंजाब की सभी लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अगले 10-15 दिन में राज्य की सभी 13 लोकसभा सीट और चंडीगढ़ संसदीय सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।

हालाँकि, इंडी अलायंस में बने रहने को लेकर उन्होंने कहा कि वे पूरी मज़बूती से गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे। बता दें, दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा, हम दृढ़ता से गठबंधन के साथ खड़े हैं। हमारा साझा लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को हराना है। यदि लक्ष्य भाजपा को हराना है तो समय सबसे महत्वपूर्ण है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि कांग्रेस जल्द से जल्द सीट-बंटवारे की बातचीत को अंतिम रूप देगी।

यह भी पढ़ें : फ़ूड सेफ़्टी, हाइजीन जैसी बातें भारतीय रेलवे में बेमानी, मेरी ट्रेन यात्रा और ‘बेकार खाने’ को लेकर मेरी कहानी

उधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही इंडी अलायंस से अलविदा कह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में आरएलडी नेता जयंत भी एनडीए का रुख़ कर चुके हैं। सीट शेयरिंग पर पेंच फँसने के बाद बंगाल में ममता बनर्जी भी अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं। अखिलेश की समाजवादी पार्टी ने भी इंडी अलायंस से इतर कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं और PDA के नारे के साथ लगातार उनकी पार्टी प्रचार भी कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर अब इंडी अलायंस में एकजुटता का दावा करने वाले सभी नेता अलग राह पर बढ़ चुके हाँ तो गठबंधन का भविष्य क्या है?

आने वाले द‍िनों में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और पंजाब के श‍िरोमण‍ि अकाली दल के भी एनडीए के घटक दल बनने की उम्‍मीद जताई जा रही है और एनडीए का कुनबा धीरे धीरे बड़ा होता जा रहा है। आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के बिखराव और रणनीति के अभाव का पूरा फ़ायदा बीजेपी उठा सकती है।

द लोकतंत्र का ऐप डाउनलोड करें : यहां क्लिक करें

Sudeept Mani Tripathi

Sudeept Mani Tripathi

About Author

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में परास्नातक। द लोकतंत्र मीडिया फाउंडेशन के फाउंडर । राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर लिखता हूं। घूमने का शौक है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Rahul Gandhi
Politics

PM मोदी के बयान पर राहुल बोले – आप हमें जो चाहें बुलाएं, लेकिन हम INDIA हैं

द लोकतंत्र : पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के गठबंधन का INDIA नाम रखने पर कहा कि विपक्ष का गठबंधन
Amit Shah in Parliament
Politics

अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर मणिपुर पर चर्चा के लिए सहयोग माँगा

द लोकतंत्र : मणिपुर मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध जारी है। अमित शाह ने चिट्ठी लिखकर